समाज सुधारक, अम्बेडकरवादी, और प्रेरणा स्रोत, क़ौमी मुसाफिर बाबा प्रभाती | लेखक: विकास खितौलिया

क़ौमी मुसाफिर बाबा प्रभाती क़ौमी मुसाफिर बाबा प्रभाती, किसी परिचय के मोहताज नहीं थे। क़ौमी मुसाफिर उनका कोई मूल नाम नहीं था। बुलन्द आवाज के धनी बाबा प्रभाती ने मृत्युभोज, अन्धविश्वास, पाखंडवाद, छुआछूत (अस्प्रशस्ता), बालविवाह, अशिक्षा, दहेज प्रथा, शराब पीने-मिलाने शानो शौकत जैसी समाज में फेली अनेको कुरूतियो को समाप्त करने के लिए, भारत के

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संत देवगिरी जी महाराज: मानवतावादी समाज के प्रेरणास्रोत | लेखक: विकास खितौलिया

मानवतावादी समाज के प्रेरणास्रोत संत देवगिरी जी महाराज #devgiri #bagren #bayana #rajesthan #khatik #sant #rajesthan #vikaskhitoliya भारत भूमि अवतारों, ऋषि-मुनियों व संत महात्माओं की धरा है। इस पावन भूमि पर बड़े-बड़े साधु-संत पैदा हुए हैं। उन्होंने अपने तप के बल पर लोगों को सच्चाई के रास्ते पर जीने की राह दिखाई। यदि धर्म कहीं है

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समाजिक समरसता के प्रतीक संत रविदासजी ।लेखक: विकास खितौलिया

भारत भूमि अवतारों, ऋषि-मुनियों व संत महात्माओं की धरा है। इस पावन भूमि पर बड़े-बड़े साधु-संत पैदा हुए हैं। उन्होंने अपने तप के बल पर लोगों को सच्चाई के रास्ते पर जीने की राह दिखाई। यदि धर्म कहीं है तो सिर्फ यहीं है। यदि संत कहीं हैं तो सिर्फ यहीं हैं। माना कि आजकल धर्म,

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विवाह में अधिक फिजूलखर्ची, एक सामाजिक कुरीति है | लेखक: विकास खितौलिया

भारत में आजकल शादियों का मौसम है, शादियों में इतना ज़्यादा आडंबर होने लगे हैं कि उसकी देखा देखी लोगों को आशाएं और बढ़ने लगी है। देखा जाए तो शादी का सही मतलब लड़के लड़की को साथ में बिठा कर कसमें खाना, सात फेरे लेकर अपने मजबूत रिश्ते को आगे बढ़ाना है, फिर भी शादी

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सेहत के लिए हानिकारक है मोमोज | लेखक: विकास खितौलिया

भागदौड़ से भरी इस दुनिया में लोगों को हर चीज की जल्दी रहती है। काम हो या खाना, अब सब कुछ फास्ट हो गया है। व्यस्तता से भरे इस जीवन में अब लोगों के खाने की आदतें भी काफी बदल चुकी हैं। मौजूदा समय में हर कोई अधिकतर समय घर से बाहर बिताता रहा है।

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