सिद्ध शक्तिपीठ राज राजेश्वरी कैलादेवी मंदिर
ततः कलियुगे प्राप्ते कैलो नामा भविष्यति ।मम भक्तस्तस्य नामना भाव्या कैलेश्वरीत्यहम् ।। कलिकाल में लोककल्याणार्थ मेरा प्रादुर्भाव होगा और मुझे ‘कैलेश्वरी’ नाम से जानाजायेगा । मैं उस समय अपनी ‘कला’ रूप में अवतरित होने से“कैला” कहाऊँगी प्राचीन ग्रन्थों में माता के प्राकट्य एवं चरित्र की अनेक कथायें आती हैं। उन्हीं ग्रन्थों में स्कन्दपुराण के 65वें