विवाह में अधिक फिजूलखर्ची, एक सामाजिक कुरीति है | लेखक: विकास खितौलिया
भारत में आजकल शादियों का मौसम है, शादियों में इतना ज़्यादा आडंबर होने लगे हैं कि उसकी देखा देखी लोगों को आशाएं और बढ़ने लगी है। देखा जाए तो शादी का सही मतलब लड़के लड़की को साथ में बिठा कर कसमें खाना, सात फेरे लेकर अपने मजबूत रिश्ते को आगे बढ़ाना है, फिर भी शादी